हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Thursday, June 4, 2020

घर में रहना ... गीत


घर में रहना , घर में रहना , घर में ही रहना है .... 


https://www.youtube.com/watch?v=qQ_UZ2N9EG8

Thursday, April 16, 2020

चौपाई, कोरोना

अजब फैल गई महामारी
सारी दुनिया उससे हारी

कोरोना  का रावण आया
खांसी,नजला, कंठ सुखाया।

सांसों की तकलीफें लाया
लॉक डाउन में हमें फंसाया।

रामराज्य को वापिस लाओ
कॉविड से पीछा छुड़वाओ।

वैद्य, हकीम नब्ज को जानो
भारत की दुविधा पहचानो।

समय यही हनुमान बुलाओ
जड़ ,कंद फिर से मंगवाओ।

मूर्छा  हर , हर लक्ष्मण जागे
कोरोना तब डरकर भागे

डॉक्टर ,नर्स और सिपाही
मानवता की बने गवाही

उनका कर्जा आज चुकाओ
धन्यवाद कह फर्ज निभाओ।

राष्ट्रधर्म है मनुज निभाओ
हर भूखे को रोज खिलाओ।।


..... मौलिक एवं स्वरचित...
..सरिता यश भाटिया ...

Wednesday, April 15, 2020

राष्ट्रनायक लॉकडाउन संदेश

राष्ट्रनायक का यही संदेशा, जन जन से कहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

रक्षक डॉक्टर, नर्स ,सिपाही
मानवता की बने गवाही
धन्यवाद के पात्र यही हैं, हाथ जोड़ कहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

लॉक डाउन का समय है आया
अपनों का सँग हमने पाया
दादा, दादी, मात, पिता ,सुत,सुता, भ्रात, बहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

योग करो सुन्दर तन पाओ
प्राणायाम से रोग भगाओ
जिम ,कसरत सब करते रहना, सेहत ही गहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

हाथ किसी से नहीं मिलाओ
सिर्फ नमस्ते करते जाओ
अभिवादन का नया सलीका,दूरी को सहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

चलते रहना डगर जिंदगी
कठिन बहुत है अभी बंदगी
यहां रुके हो ,रुको साथियों,यही तुम्हे कहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

कोरोना का तमस मिटाओ
आओ सब मिल दिया जलाओ
नमन करो उन्हे, देवदूत का, चोला जिन पहना है
घर में रहना ,घर में रहना, घर में ही रहना है

कठिन घड़ी है इसे संभालो
अपना संयम आज दिखालो
हुनर निखारो , पढ़ो ,लिखो सब ,यही आज कहना है।
घर में रहना ,घर में रहना ,घर में ही रहना है।

नाक, नयन ,मुख 'गर हो छूना
बार बार हाथों को धोना,
जीवन नैया फिर चल देगी इसको तो बहना है
घर में रहना, घर में रहना ,घर में ही रहना
...सरिता यश भाटिया....

लॉकडाउन

स्वच्छ हवा ने डाला डेरा
ट्रैफिक का तोड़ा है घेरा

योग करो और रहो निरोग
प्राणायाम से भागें रोग

लॉक डाउन का समय है आया
नीला अम्बर वापस लाया

चहकें पक्षी ,सुनो आवाज
सतयुग का फिर हुआ आगाज

कुदरत के है अद्भुत रंग
बैठे हैं घर सबके संग

मन करता है यहीं बस जाएं
लॉक डाउन का समय बढ़ाएं

Tuesday, April 14, 2020

चौपाई कारोना

चौपाई

किया करोना ने जग सूना
नाक, नयन ,मुख को मत छूना

खांसी छींक अगर जो आयी।
मुख ढकना है सरल उपायी

बार बार सब कर तुम धोना
तब मानस क्या करे करोना

नहीं हाथ प्रिय अभी मिलाना
अगर करोना  दूर भगाना

गले लगाओ हुआ पुराना
अभिवादन का नया जमाना

हाथ किसी से नहीं मिलाओ
सिर्फ नमस्ते करते जाओ

मेड इन चाइना तभी हराओ
सभी नमस्ते जब अपनाओ
#कोरोना #चौपाई 

को रो ना सुझाव दोहे


मत छुओ मुख ,नाक, नयन, बार बार धो हाथ।
अभिवादन कर दूर से, हाथ जोड़कर साथ।।

मुख ढक खांसो, छींक लो, करो मनुज उपचार।
डॉक्टर को जाकर मिलो ,चढ़ता अगर बुखार।।

अब तुम मत लगना गले, नहीं मिलाना हाथ।
करो नमस्ते प्यार से, सब जन देकर साथ।।

बुरा ना मानो ,करोना है





Sunday, May 12, 2019

माँ


माएँ हमेशा अपनी मर्जी चलाती हैं
अपने बच्चों को दुखों से बचाती हैं
रातों रात जागती हैं ..
पानी कहीं चला नही जाये
सोचते सोचते जल्दी उठ जाती हैं
दुर्गा जैसे अष्ट भुजाओं से काम निपटाती हैं
एक हाथ से पानी भरती है ,
सब्जी बनाती हैं
आटा गूँथती हैं
बच्चों को जगाती हैं
तभी तो माँ ... माँ कहलाती है
कहीं कूलर का पानी गिर नहीं जाए
कहीं सब्जी जल नही जाये
कभी सब्जी को देखने भागती हैं
कभी पानी ,कभी कपडे धोने की चिंता
मन में बुदबुदाती हुई भागती रहती हैं
बहुत मुश्किल से थोड़ा अलसाती हैं
तभी तो ... माँ कहलाती हैं 
माँ ...
जरा उठकर नाश्ता बना दो
माँ .. सुनते ही चौकन्न हो जाती हैं
बेटा भूखा न चला जाये
अपना दर्द भूलकर झट से उठ जाती हैं
कभी मुश्किल आ जाये जो
बच्चों से छुप छुप रोती हैं ...
फिर भी सदा मुस्कुराती हैं
तभी तो माँ .. माँ कहलाती हैं 
बेटी घर आई है ..
उसकी चिंता में बुदबुदाती है
ससुराल में काम करती आई है
उसको खुद खाना बना बना खिलाती है
उसको सब लाड लडाती हैं
नाती पोतों पर वारी जाती हैं
तभी तो .
माँ .. माँ कहलाती है