हमराही

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Tuesday, January 15, 2013

''....दोस्त....''

सुबह छत्तपर जाकर बैठी तो मन में कुछ दोस्तों के बारे में विचार
उभरने लगे और एक रचना का रूप लेने लगे तुरंत नीचे आई और
कॉपी पैन उठाया और 5 मिनमें यह रचना तैयार कर डाली,यह रचना
तो 5 मिनट में बनी है, पर इसमें दिए अनुभव मेरी पूरी जिंदगी के हैं,
तो दोस्तो आप सबको स्मर्पित है यह रचना................................



दोस्त जब साँसों से साँसों की लड़ी जोड़ देते हैं
तो टूटे हुए आईनों को भी जोड़ देते हैं!


यह रिश्ता अपनों के खून बिन जुड़ जाता है,
इसीलिए तो सच्चा और पवित्र कहलाता है !


दोस्त तो सुख दुख में काम आते हैं,
रिश्तेदार तो नाम के रिश्ते निभाते हैं!


यह तो प्यार के विश्वास के बंदन हैं जनाब,
जिनका इस संसार में नहीं है कोई जवाब !


काश! कोई ऐसा ही दोस्त मुझे भी मिल पाता,
जो मेरा भी कोई  ख़ास अपना कहलाता !


हे भगवन.!हर एक की एक ऐसा ही दोस्त पाने की दुआ करो कबूल !
ताकि सबको हो विश्वास ,सच्चे दिल से माँगी दुआ नहीं जाती फ़िजूल!!
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17 comments :

  1. ढूंढने से तो भगवन मिलते हैं आप अपनी कविता के माध्यम से अन्वेषण जारी रखें।

    ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएँ।।।।



    शुभकामनायें

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  2. बहुत सुन्दर बात ...दरअसल हम सारी उम्र ..हर रिश्ते में भी सच्चा दोस्त ही ढूँढते रहते हैं ....

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  3. रोष्टों का मतलब ओर तलाश निरंतर रहती है ...
    सच्चे दोस्तों को समर्पित रचना ...

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  4. सरिता जी दिल से लिखी रचना आपने सीधे दिल में उतर गई, उपरवाले से यही दुआ है आपको सच्चा दोस्त मिले. सादर

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. yashoda ji aabhari hun rachna ko nayi-purani-halchal mein samman dene ke liye

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  7. हर लम्हा तन्हाई का एहसास मुझकों होता है
    जबकि दोस्तों के बीच अपनी गुज़री जिंदगानी है
    सुन्दर भाव अभिवयक्ति है आपकी इस रचना में लेकिन क्षमा सहित कहूँगा कि शिल्पगत बहुत सी कमियाँ भी है इस रचना में ,माफ़ी चाहूँगा कृपया अन्यथा ना लें. सादर वन्दे...

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  8. बेहतरीन रचना।

    सादर

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    1. shukriya yashwant ji bahut bahut shukriya blog sudhar ke liye

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  9. shukriya madan mohan ji
    mujhe to aise dost chahiye jo mera margdarshan sahi se kar saken,kripya sudhar ke liye jarur batayen agar aap time de saken to kamiya batana to meri rachnaon ka sudhar hoga plzz mujhe email karen.

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  10. बहुत खूब ,,,
    सटीक लेखन ,,,,

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