हमराही

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Tuesday, February 26, 2013

''... इंतज़ार ...''





कैसे न करें हम उनका इंतजार ,
सुना है वो हमारा शिद्दत से इंतज़ार करते हैं!

कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है,
इसलिए उनसे मिलने का सब्र हम हर बार करते हैं!

वो कहते हैं सपनों में आना ज़रूर,
हम भी वादा उनसे मुलाकात का बार बार करते हैं! 

वो कहते हैं हमारी मुस्कान से हैं धड़कनें उनकी,
हम  भी मुस्करा कर उनके दिल को गुलज़ार करते हैं!! 

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14 comments :

  1. गजब नहले पे दहला-
    आभार-

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  2. वो कहते हैं हमारी मुस्कान से हैं धड़कनें उनकी,
    खूब सूरत पंक्ति

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  3. बहुत गजब

    सार्थक प्रस्तुती बहुत अच्छी रचना आन्नद मय करती रचना

    मेरी नई रचना

    ये कैसी मोहब्बत है

    खुशबू

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  4. बहुत ही सुन्दर रचना,सरस भी.

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  5. शिद्दत ...होता है ......छिद्दत नहीं


    बाकि...एक खूबसूरत रचना

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    1. प्रिंटिंग mistake ,शक्रिया

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  6. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  7. .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .अरे भई मेरा पीछा छोडो आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते

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  8. कहते है लोग मौत से बदतर है इन्तजार
    मेरी तमाम उम्र कटी इन्तजार में ,,,,,,
    (मजाज )

    Recent Post: कुछ तरस खाइये

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  9. बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
    यही तो है जीवन की जीवटता!

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  10. बेहद सुन्दर ख्याल शानदार रचना सरिता जी

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  11. बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

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