हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Monday, October 14, 2013

तुम जीवन का आधार प्रिय

तुम अमर बेल सी लिपटी हो
मैं हरा पेड़ फलदार प्रिय/

तुम बिन लगता बैरागी सा 
तुम लाई स्वर्ण बहार प्रिय/

संग सारी उमरिया चलना है 
तुम पर सब दूँ मैं वार प्रिय/

तुम मेरी धड़कन मैं दिल तेरा
तुम पे जीवन निसार प्रिय/

मैं दिया अगर हूँ बाती का 
तुम दिए में तेल की धार प्रिय/

तुम सरिता हो मैं सागर हूँ 
तुमसे पाता जलधार प्रिय/

तुम माउस हो मैं लैप्पी हूँ 
तुम बिन चलना दुश्वार प्रिय/

तुम सिम कार्ड मैं स्मार्ट फ़ोन 
तुम जीवन का आधार प्रिय/

तुम मायके जाकर बैठ गई 
तुम बिन जीवन बेकार प्रिय/

न कपडें धुलें न चूल्हा जले
तुम बिन सूना घर द्वार प्रिय/

तुम शमा अगर मैं परवाना
मैं मिटने को बेकरार प्रिय/
....................................

Post A Comment Using..

No comments :