हमराही

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Wednesday, October 23, 2013

मैया [कुण्डलियाँ]

मैया दस्तक दे रही ,खोलो मन के द्वार
मात कृपा से हो सदा ,हर सपना साकार //
हर सपना साकार ,द्वार पे जा कर कर लो
देती माँ आशीष , झोलियाँ खाली भर लो
सरिता करे पुकार ,तार माँ सबकी नैया
दे दर्शन चढ़ शेर ,सदा जगदम्बे मैया//

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तेरे दर पर हूँ खड़ी,नतमस्तक कर जोड़
सर पर रखना हाथ माँ, दुख जाएँ दर छोड़
दुख जाएँ दर छोड़ ,फलित हो जाये सपना
रहे न पारावार दो आशीष माँ अपना
भेंट करो स्वीकार, लगाती कब से फेरे
दर्शन देदो मात ,खड़ी मैं दर पर तेरे //

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