हमराही

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Sunday, December 29, 2013

यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ

जब से श्वासों का फिर से न आना हुआ  
ख़त्म जीवन का तब से तराना हुआ /

इस कदर चाहता मेरा दिल है तुझे  
हार कर तेरा ही अब खजाना हुआ / 

भूल कर बेवफ़ा हो गया अजनबी   
जब से गैरों के घर आना जाना हुआ /

जो किया सामना है दुखों का अभी   
यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ /

तोड़ना अब न विश्वास तुम फिर कभी 
दिल हमारा है सबका निशाना हुआ / 

बेटियाँ हो विदा मायके से गईं   
पति का घर भी न लेकिन ठिकाना हुआ /

जोड़ता यूँ है किसके लिए आदमी 
खाली ही हाथ जग से रवाना हुआ /
.        ..............सरिता

Friday, December 27, 2013

जिन्दगी पर से भरोसा ही उठा है


2 1 2 2    1 1 2 2    1 1 2 2

प्यार में हमने तो यूँ दर्द सहा है
प्यार के नाम से मन डरने लगा है /


मौत को देखा है कुछ पास से इतना
जिन्दगी पर से भरोसा ही उठा है /

लम्हा हर एक जिओ आखिरी ज्यों हो
मौत पर अपना कहाँ बस भी चला है /

है जमाने का ये दस्तूर अनोखा
अपनों ने आग हवाले यूँ किया है /

बाँट सरिता जो सको प्यार को बांटो
नफरतों से तो सदा घर ही जला है /

......सरिता  भाटिया 

Saturday, December 7, 2013

तुम वोही हो ...

आज अपनी शादी को 24 बरस हो गए ,
एक पुरानी लिखी रचना पर आप सबका आशीर्वाद चाहती हूँ !


जिसने पलकों से चुने हैं दर्द मेरे
तुम वोही हो पागल हमदर्द मेरे /

जिसने दुख के दरिया में ना डूबने दिया
बनकर नाव पाँव मेरा उसमें रख दिया /

जिसने ज़िंदगी के अंधेरों में ना खोने दिया
मेरे वास्ते उजालों को गुलाम रख लिया /

जिसने आईने की तरह मेरा ख्याल रखा है
कहीं टूट ना जायूं ऐसे संभाल रखा है /

जिसने दुआओं से बलायों को रोक रखा है
ऐसे ढाल बनाकर हाथों को जोड़ रखा है /

जिसने ना छूने दिया धूप को ऐसे रोक रखा है
मेरे लौटने पे छाँव को ऐसे निकाल रखा है /

जिसने बिछूड़ कर दुनिया की ठोकरों में ना खोने दिया
ऐसे बाँधा अपने अहसासों से ना कभी रोने दिया /

जिसने प्यार के इस रिश्ते को विश्वास दिया है
इसे निभाकर एक सुंदर सा अहसास दिया है /

जिसने अपनी क़ाबलियत से हैरत में डाल रखा है
मेरे हर मसले का हल जैसे निकाल रखा है /

जिसने कहा ना छूने पाएँ जमाने की गरम हवाएँ
ऐसे दे डाली हैं मुझे दुनिया भर की दुआएँ /

जिसने इस दिल की धड़कन बनकर सकूँ दिया है
मेरी हर साँस ने उधार साँस उसी से लिया है /

जिसने मेरे होने को वाजिब वजूद दिया है
मेरी हर मुश्किल को ऐसे आसान किया है /
                    16 फरवरी,2012...

Wednesday, December 4, 2013

डालो वोट जरूर [दोहावली]

लोकतंत्र के पर्व में ,शामिल होना आज 
हो जनता के राज में ,जनता की आवाज 

काहे की नाराजगी , काहे करो गुरूर 
वोटिंग दिवस आज है ,डालो वोट जरूर 

करो फैसला आप जो  ,वोट डालकर आज 
अपने भविष्य का करो, सुन्दर तब आगाज 

दुविधा में हो क्यों पड़े ,लो अपना अधिकार 
करनी वोटिंग आज है, करके सोच विचार 

गुजर गए हैं जो बरस, कर लो आज हिसाब 
पञ्च वर्ष की योजना ,दे दो आज जवाब 

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Monday, December 2, 2013

तरही गजल

११२१२     ११२१२     ११२१२     ११२१२ 
जो अवाम की भी पसंद हो,कभी सोचता जो बुरा न हो 
मुझे आदमी वो बना खुदा कभी जिससे कोई खता न हो /

'मुझे दे खुदा तू वो नेमतें तेरी बन्‍दगी में रहूँ सदा' 
कहीं जानवर मेरे भीतरी कभी मुँह उठा के खड़ा न हो /

बनी दरमियाँ यही दूरियां मुझे सालती दिनों रात हैं 
मिटा दूरियां मेरे वास्ते चला पास आ यूँ खफा न हो /

मुझे छोड़ दे यहीं राह में मुझे इंतज़ार है यार का 
'इसी मोड़ पर मेरे वास्ते वो चराग ले के खड़ा न हो ' /

मेरी मखमली सी है रूह जो मुझे चुभ रही किसी शूल सी 
मुझे क्‍यूँ सज़ा ये मिली बता जो गुनाह मुझसे हुआ न हो /

बढ़ी बेटियाँ रहीं पूछती तू उदास क्यों है पिता बता 
क्या समझ सके वो है गर्दिशें जो पिता अभी बना न हो /
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