हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Tuesday, February 25, 2014

मेरा विश्वास

जब सब कुछ था 
मेरे पास 
जो 
जीने के लिए काफी था
तुम्हारा प्यार, 
तुम्हारा साथ,
तुम्हारा समय 
तुम्हारा विश्वास 
हमारा साहस 
यही सब 
मेरी बहुमूल्य पूंजी थी 
वो 
उड़ान भरते  
सुनहरे सपने 
जो 
हम दोनों ने कभी देखे थे 
दुनिया 
अपने कदमों में थी 
तो किसकी लगी नज़र ?
जो छूटा ...
तुम्हारा प्यार 
तुम्हारा साथ 
क्यों रुकीं 
वो सांसें 
वो जिन्दगी 
टूटीं उम्मीदें 
टूटे सपने 
और 
साथ ही 
टूट गया 
मेरा भरोसा 
मेरा साहस 
शायद 
नहीं नहीं 
नहीं कभी नहीं 
खोयेगा 
मेरा धैर्य 
मेरा विश्वास 
नहीं टूटेगा 
मेरा साहस  
क्योंकि 
तुम 
हाँ तुम हो 
हमेशा मेरे साथ 
मेरी हिम्मत बन 
दोगे मुझे प्रेरणा 
आगे बढ़ने की 
..........................
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