हमराही

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Friday, April 18, 2014

कह मुकरियां 1 से 10.

1.

लीला सखिओं संग रचाता 
मन का हर कोना महकाता 
भागे आगे पीछे दैया 
क्यों सखि साजन ? 
ना कन्हैया 
2.
जिसको हमने स्वयं बनाया
मान और सम्मान दिलाया 
उसको हमारी ही दरकार 
क्यों रे नेता  ? 
नहीं सरकार 
3.
बच्चे बूढ़े सबको भाए 
नाच दिखाए खूब हँसाए 
सबके दिल का बना विजेता 
क्यों सखि साजन ? 
ना अभिनेता 
4.
उसके बिना चैन ना आए 
पाकर उसको मन हर्षाए
उसको देख देख मुस्काती
क्यों सखि साजन ? 
ना सखि पाती
5.
बिगड़ी बातें सभी बनाता 
नवजीवन की आस जगाता
करता सारे ह्रदय के काम 
क्यों सखि साजन? 
नहीं सखि राम

6.
जीवन मेरा रोशन करता 
सूरज जैसे तम को हरता 
उस बिन धड़के मेरा जिया 
क्या सखि साजन ? 
ना सखि दीया 
7.
चले संग वो धड़कन जैसे 
उस बिन कटे बताऊँ कैसे 
रखे हिसाब हर पल हर कड़ी 
क्या सखि साजन ? 
नहीं सखि घड़ी

8.
पलकें मीचूं सपने लाता
कोमलता से फिर सहलाता 
छोड़े ना वो पूरी रतिया 
क्या सखि साजन? 
ना सखि तकिया 
9.
नया रूप ले रात को आता 
दिन चढ़ते वैरी छुप जाता 
छिपता जाने कौनसी मांद
क्या सखि साजन ? 
ना सखि चाँद 
10.
तुम से रूप निखरता दूना 
बिन तेरे लगता है सूना 
अखियाँ मीचूं रूठे पागल 
क्या सखि साजन ? 
ना सखि काजल

क्रमशः....
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