हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Friday, March 25, 2016

आओ खेलें होली

आओ खेलें होली ,आओ खेलें होली 
फिर से खेलें होली ,वही पुरानी होली


हर घर में फिर से गूँजेगी
इंकलाब की बोली 
आओ खेलें होली ,आओ...


रंग बसंती पहन के निकली 
है मस्तों की टोली 
आओ खेलें होली , आओ...


हरा केसरी श्वेत रंग ले 
तू भी आ हमझोली 
आओ खेलें होली , आओ...



दंभ,द्वेष औ अकड़ जलाकर 
प्यार  की भर लो झोली 
आओ खेलें होली , आओ...


जात पात और वैर भाव की 
उठने दो अब डोली 
आओ खेलें होली , आओ...


राजगुरु, सुखदेव, भगत की
याद करो अब बोली
आओ खेलें होली ,आओ खेलें होली
फिर से खेलें होली ,वही पुरानी होली 
..........सरिता यश भाटिया..........
Post A Comment Using..

No comments :