नाम सरिता भाटिया
जन्म 6मार्च,1966. क़ादिया [जिला गुरदासपुर,पंजाब]
शिक्षा Sec...Ved Kaur Kanya Vidhalya, Quadian.
B.Sc.....Baring Union Chritian College ,Batala
B.Ed.....D.A.V.COLLEGE for Women, Amritsar
पिता का नाम स्वर्गीय श्री जनक राज भाटिया
माता का नाम श्रीमती राज भाटिया
पता भाटिया कॉलेज
आर-169,ए-3,वाणी विहार,
उत्तम नगर, नई दिल्ली-59
mob. 09818802421
सेवा *अध्यक्ष ... यश सेवा समिति
* प्रधानाचार्य...पैराडाइज़ पब्लिक स्कूल,
* प्रधानाचार्य...पैराडाइज़ पब्लिक स्कूल,
उत्तम नगर,नई दिल्ली.
* मैनेजर.... भाटिया कॉलेज,
उत्तम नगर,नई दिल्ली.
*पूर्व अध्यक्षा... महिला मोर्चा ,बिन्दापुर मंडल
*सहमंत्री ... सेवा भारती ,उतम नगर
लेखन विधायें *दोहे ,कुण्डलिया,छंद,गजल,गीत, तुकांत अतुकांत कविता ,मुक्तक ,लेख आदि
लेखन * अमर उजाला ,दैनिक जागरण में लेख
* 'तुहिन' साँझा कविता संग्रह
* बाबू जी का भारतमित्र ,साँझा कुण्डलिया संग्रह नारनौल ,हरियाणा
* अंजुम मासिक पत्रिका,श्री गंगानगर,राजस्थान में
हर माह रचना छपती है
* 'सृजक' मोतिहारी बिहार त्रैमासिक पत्रिका में रचनाएँ
* 'नव्या' सुरेंदरनगर,गुजरात में रचना
* 'नव्या ' इ मैगज़ीन में रचनाएँ
* 'सक्षम' मासिक पत्रिका गुड़गाव, में रचना
* 'पंचमहल उजागर' साप्ताहिक गोधरा, गुजरात. में रचनाएँ
* 'मानस वंदन' मासिक पत्रिका,उज्जैन,में रचनाएँ
* 'राज एक्सप्रेस' दैनिक समाचार पत्र,भोपाल में रचनाएँ
* "विश्वगाथा ,सुरेंदर नगर ,गुजरात में रचनाएँ
* सुखनवर में दोहे
*अभिव्यक्ति ,अभिभूति ई पत्रिका में दोहे
* समाज कल्याण पत्रिका में कुण्डलिया
*अखंड भारत त्रैमासिक पत्रिका में रचनाएँ
एडमिन चर्चामंच पर ,ब्लॉगप्रसारण पर , कार्य किया
सादर ब्लोगस्ते ,सृजन मंच ऑनलाइन,आपका ब्लॉग,भारतीय नारी ,ओपन बुक्स ऑनलाइन ,शब्द्व्यन्जना ई पत्रिका में सक्रिय
ब्लॉग guzarish6688.blogspot.com
ई-मेल saru.bhatia66@gmail.com
|| कहते सब सरिता मुझे ,बढती हूँ निष्काम
जीवन के पथ हैं कठिन, चलते रहना काम
चलते रहना काम, नहीं रोके रुक पाती
शत्रु सामने देख , सहज दुर्गा बन जाती
मेरा शील स्वभाव , भाव हैं मुझमें बहते
मैं जीवन का स्रोत मुझे सब सरिता कहते ||
..............................पढने लिखने का बचपन से ही शौक था , B.Ed करने के बाद 1987 में सीधा दिल्ली आ गई क्योंकि यहाँ पिता जी ने स्कूल खोल दिया था उसमें पूरी लग्न के साथ लग गई .7 दिसम्बर ,1989 को श्री यशपाल जी से शादी हो गई .फिर से शुरू हुआ पढाई लिखाई का सिलसिला भाटिया कालेज में| समय कैसे पंख लगा कर उड़ने लगा पता ही नहीं चला | मन में बहुत ख्याल उडान भरते पर समय ही नहीं मिलता उनको कागज पर उतारने का |
फिर एक दिन बेटे ने फेसबुक से रूबरू करवाया 22 दिसम्बर,2009 को ,ताकि मैं अपने भाई भाभी से बातें कर सकूँ ,नए नए दोस्त मिले पर मेरे स्कूल के कॉलेज के दोस्त नहीं मिले उनको मैंने बहुत तलाश किया फेसबुक पर पर तलाश अभी जारी है ,नए नए दोस्तों ने बहुत कुछ सिखाया बहुत सारे अनुभव बटोरे कुछ सुखद कुछ दुखद यहाँ पर | फिर एक दिन सबकी रचनाएँ पढ़ते पढ़ते लगा मैं भी क्यों न अपनी रचनाएँ लिखनी शुरू करूँ बस यहीं से शुरु हुआ लिखने का सिलसिला ,दोस्तों ने बहुत उत्साह बढाया | फिर एक दिन अपर्णा खरे के ब्लॉग पर पहुँच गई उनकी कोई पोस्ट पढ़ते पढ़ते ,तब अपना नया ब्लॉग बना लिया फरवरी,2012 में ,धीरे धीरे इसके बारे में समझती रही और लगी रही इस दौरान फेसबुक से थोडा दूर हो गई ,फिर कुछ समझ नहीं आया जब तब पोस्ट डालनी बंद कर दी ब्लॉग पर ,दोबारा से दोस्तों ने उत्साह बढाया तो आज अपने तीन ब्लॉग के साथ आपके सामने हूँ ,चौथे की तैयारी में हूँ ,क्योंकि
अभी जो भरनी है वो उडान बाकी है
अभी जो छूना है वो आसमां बाकी है
अभी तो नापे हैं मुठ्ठी भर सपने
अभी तो सामने सारा जहां बाकी है
यहाँ तक पधारने के लिए शुक्रिया
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